Krishna Bhajan , वृंदावन जाऊँगी सखी लिरिक्स, Vrindavan Jaungi Sakhi Barsane Lyrics

वृंदावन जाऊँगी सखी लिरिक्स
Vrindavan Jaungi Sakhi Barsane Lyrics
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
छोड़ दिया भोजन पानी,
श्याम की याद में,
मेरे नैनन बरसे नीर,
सखी, वृंदावन जाऊँगी,
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
नैन लड़े गिरधर से,
मैं तो पागल कर डारि,
तोहे कैसे दिखाऊं दिल चीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
श्याम सलोनी साँवली सूरत,
के दर्शन करके,
मेरो मनवा पावे धीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।
वृंदावन जाऊँगी सखी,
बरसाने जाऊँगी।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृंदावन जाऊंगी।