तुम करो राजा भीम | Tum Karo Raja Bhim Ekadashi Lyrics

Tum Karo Raja Bhim Ekadashi Lyrics

तुम करो राजा भीम एकादशी,
मोपे नहीं होवे जगदीश,
अन्न बिना भूखी डोले आत्मा…

मैं तो जंगलों में कुएं खुदबाऊगा,
और पानी के करूंगा मैं दान,
अन्न बिना मुखी डोले आत्मा…

मैं तो जंगलों में बाग रे लगाऊंगा,
और फलों के करूंगा मै दान,
अन्न बिना भूखी डोले आत्मा…

मैं तो बड पीपल लगबाऊगा,
और तुलसी का करूंगा विवाह,
अन्न बिना भूखी डोले आत्मा…

मैं तो बहन भानजी बुलाऊंगा,
और खुब भराऊ में तो भात,
अन्न बिना भुकी डोले आत्मा…

मैं तो मंदिर शिवालय बनवा लूंगा,
और मूर्ति बैठाऊ भगवान अन्न,
बिना भूखी डोले आत्मा…

मैं तो अंगना में हवन कराऊगा,
और गऊऔ के कराऊ मैं तो दान
अन्न बिना भुकी डोले आ…

मैं तो अंगना में पंडित जीमाऊगा,
और कपड़ों के करूं मैं तो दान,
अन्न बिना भुकी ‌डोले आत्मा…

जो तुम बरत ना करो पांचों पाणबा,
तुमरी नहीं जीतने की उम्मी,
अन्न बिना भूखी डोले आत्मा…

जो तुम करो ना करो राजा भीम जी,
तुमरी नहीं रे स्वर्ग की उम्मीद,
अन्न बिना भूखी डोले आत्मा…

मैं तो मानूंगी आ गया मेरे राम जी,
करु ग्यारस बरत जगदीश,
अन्न बिना भुकी डोले आत्मा…

तुम करो राजा भीम एकादशी,
मोपे नहीं होवे जगदीश,
अन्न बिना भूखी डोले आत्मा…

Leave a Comment