Laaj Rakho Ji Maiya

Laaj Rakho Ji Maiya

भक्त जनों की आस की भक्ती रस की प्यास की
जिसे चनोती दी लोगो ने उस श्रधा विश्वाश की लाज राखो
आया सवाली तेरे द्वार मैया मेरी लाज राखो
शक्ति है तेरी अपार  मैया मेरी लाज राखो
लाज राखो जी मैया लाज राखो

दीं दुखी हर निर्बल जन की करती सदा रखवाली हो
हे महामाया तुम तो जगत के संकट हरने वाली हो
शंका और संदेह के काले अन्ध्यारे को दूर करो
पापे के अभिमान को अपने तेज से चकना चूर करो
अपनी आन और शान की गोरव और समान की
तेरे दर की धुल बना जो इस ध्यानु के ध्यान की लाज राखो
सुन ले मेरी पुकार मैया मेरी लाज राखो

जो तेरी पूजा करते उनको भेह जन जाल ने घेरा माँ
इनसे उनका कुछ न बिगड़े जो बिगड़े सो तेरा माँ
पलके नशे में दुष्टों ने माँ घोड़े का सिर काट दियां
तेरी शक्ति को ललकारा घोर है पाप अपराध किया
सिद्ध इस अपने धाम की पूजा मेरी निष्काम की
जो गागर में सागर भरता उस फल दायक नाम की लाज राखो
आया सवाली तेरे द्वार मैया मेरी लाज राखो

ज्योति रूपा अधिभवानी आओ माँ
करे अभिमानी ना मनमानी आओ माँ
तेरी परीक्षा की घडी आई आओ माँ
भगतो की ना हो रुसवाई आओ माँ
दिल से तुझे बुलाता हु आओ माँ
सिर की भेट चडाता हु मैं आओ माँ

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