ग्यारस का व्रत में करती | Gyaras Ka Vrat Me Karti Lyrics

Gyaras Ka Vrat Me Karti Lyrics

मैंने पहली माला फेरी,
सासुल ने आकर घेरी।
कभी करती न सेवा मेरी,
हरि नाम की माला जपती।

ग्यारस का व्रत में करती,
हरि नाम की माला जपती।

मैंने दूजी माला फेरी,
बेटे ने आकर घेरी।
कुछ काम धाम न करती,
हरि नाम की माला जपती।

ग्यारस का व्रत में करती,
हरि नाम की माला जपती।

मैंने तीजी माला फेरी,
बहुअल ने आकर घेरी।
कभी मेरे बच्चे न खिलाती,
हरि नाम की माला जपती।

ग्यारस का व्रत में करती,
हरि नाम की माला जपती।

मैंने चौथी माला फेरी,
बेटी ने आकर घेरी।
कुछ देन लेन न करती,
हरि नाम की माला जपती।

ग्यारस का व्रत में करती,
हरि नाम की माला जपती।

मैंने पांचवीं माला फेरी,
पोते ने आकर घेरी।
कभी मुझे न घुमाती फिराति,
हरि नाम की माला जपती।

ग्यारस का व्रत में करती,
हरि नाम की माला जपती।

मैंने छठवीं माला फेरी,
साजन ने आकर घेरी।
कभी मेरे पास न बैठती,
हरि नाम की माला जपती।

ग्यारस का व्रत में करती,
हरि नाम की माला जपती।

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