Fagan Rangela Aaya Bhajan Lyrics
फागन की मस्ती चंग ढोल बजे है सतरंगी रंगों के कलश सजे है
ग्वालो की टोली लेके कान्हा रस्ते में है खड़ा
मारे है पिचकारी भर भर पिचकारी
कुछ अलग सा है ढंग करता है सब को तंग
देख के कान्हा को दुनिया भी है धंग,
रेहता ग्वालो के संग लगता माखन की जंग
चोरी सीना जोरी का इस पे चड़ा है रंग
मारे है पिचकारी भर भर पिचकारी
हर कोई आ रहा से मिलने को हाथो में अपने लेके रंग गुलाल
आज तो मस्ती में गा रहे सभी देवी देवता भी होली की धमाल
काले काले कान्हा को कर देंगे लाल लाल
मारे है पिचकारी भर भर पिचकारी
श्याम के रंग में जो भी रंग जाता है दूजा रंग कोई उस पे न चड़ता,
श्याम के प्रेम में जो पढ़ जाता है जग की बातो से उसे फर्क नही पड़ता
श्याम का प्रेमी बन के मोहित हो गया निहाल
मारे है पिचकारी भर भर पिचकारी
Fagan Rangela Aaya Bhajan Lyrics